Thursday, 8 September 2016

मम्मी को अपने दोस्त से चुदवाया 1

हैल्लो दोस्तों..antarvasna Kamukta hindi sex indian sex chudai Kahani मेरा नाम शिवम जैन है और में जयपुर का रहने वाला हूँ.. दोस्तों में आज आप सभी को कामुकता डॉट कॉम पर अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने और मेरे दो पक्के दोस्तों ने मेरी मम्मी को पटाकर चुदवाया। हम तीनों जयपुर के एक कॉलेज में पड़ते है और हम अभी 3rd साल में है और कॉलेज में ही हम तीनों एक दूसरे से मिले और हम तीनों एक ही ब्रांच के है और जल्दी ही हम तीनों बहुत अच्छे दोस्त बन गये और कॉलेज में आने के बाद हम तीनों ने पहली बार एक साथ ही ब्लूफिल्म देखी थी और फिर एक दिन हमे कामुकता डॉट कॉम साईट मिली..
जहाँ पर हमें बहुत सारी सेक्स स्टोरी पड़ने को मिली। हम सभी को आंटी और जवान लड़के के बीच सेक्स स्टोरी बड़ी पसंद थी.. हम पिछले एक साल से लगातार कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी स्टोरी पड़ रहे है और मुठ मारते है। फिर हम तीनों किसी बड़ी उम्र की औरत को ढूंढने लगे.. जिसके साथ हम सेक्स कर सके.. लेकिन हमारी किस्मत बहुत खराब थी और हमे इतना ढूंढने के बाद भी कोई नहीं मिली।

फिर हम तीनों में से एक ने जिसका नाम राजेश है उसने हमे एक आईडिया दिया और उसने कहा कि अगर वो मेरी मम्मी के साथ सेक्स करे तो कैसा रहेगा? तो पहले तो हम दोनों यानी में और प्रतीक ने उसे डांटकर चुप करवा दिया.. लेकिन ना जाने क्यों उसकी बात अब धीरे धीरे हमारे दिमाग़ में बैठ गयी और कुछ दिनों बाद हम तीनों बैठे हुए तो मैंने और प्रतीक ने राजेश को उसकी बात पर राज़ी होने का और उसका साथ देने का फैसला सुनाया।

तो अब हम तीनों ने सोचा कि पहले और कैसे किसकी मम्मी को फंसाया जाए.. क्योंकि मेरी मम्मी हाऊस वाईफ थी और उम्र 40 साल से ज्यादा थी और फिर हमने निर्णय किया कि मेरी मम्मी को पटाया जाएगा और उन्हे चोदा जाएगा.. दोस्तों मेरी मम्मी का नाम छाया जैन है और उनकी उम्र 45 साल है और जैसा कि आप सब जानते है कि इस उम्र में औरते थोड़ी मोटी होती है.. वैसे मेरी मम्मी भी है और उनके बूब्स बहुत अच्छे है और उनके बाल बहुत घने और लंबे है। तो हम सबने निर्णय किया कि सबसे पहले सिर्फ़ एक ही मम्मी को पटाएगा फिर धीरे धीरे बाकी के दोनों को भी उसमे शामिल कर लिया जाएगा और हम सब सोचने लगे कि कैसे और कहाँ पर उनके साथ सेक्स किया जाए और कौन उन्हे पहले पटाएगा? तो राजेश ने कहा कि वो मेरी मम्मी को बहुत ज्यादा पसंद करता है और वो उन्हे पटाकर उन्हे चोदेगा और अब हम दोनों राज़ी हो गये। तो राजेश मेरे घर पर अब ज्यादा आने जाने लगा और मेरी मम्मी शाम के टाईम सब्ज़ी लेने मार्केट भी जाया करती थी.. कभी मेरे साथ तो कभी अकेले। तो जब भी मम्मी मार्केट अकेले जाती में राजेश को फोन कर देता और बता देता कि मम्मी आज अकेले मार्केट गयी है। तो राजेश वहाँ पर पहुंच जाता और मेरी मम्मी से मिलता और उनका सामान पकड़ने में मदद करता और साथ ही घर भी छोड़ने आता और ऐसे ही धीरे धीरे मम्मी का विश्वास उस पर बड़ने लगा और मैंने राजेश को मम्मी के बारे में कई बातें बताई कि उन्हे खाने में क्या पसंद है और उसे बहुत कुछ जानकारियां दी। तो मम्मी को आईसक्रीम और कचोरी बहुत ही पसंद है.. मैंने उसे यह भी बता दिया था। तो एक दिन राजेश मेरे घर पर आया और उस समय मम्मी को मार्केट जाना था तो राजेश ने मम्मी से कहा कि वो उन्हे ले चलता है और फिर मम्मी उसके साथ चली गयी। फिर कुछ देर सामान खरीदने के बाद राजेश ने मम्मी को कहा कि उसका आईसक्रीम खाने का मन है क्या वो भी खाएगी? तो मम्मी ने मना कर दिया और कहा कि राजेश तुम खा लो.. तो राजेश ने पूछा कि क्या उन्हे आईसक्रीम पसंद नहीं है? तो मम्मी ने कहा कि नहीं.. उन्हे बहुत अच्छी लगती है। तो राजेश ने कहा कि तो फिर चलीये ना और वो मम्मी को ले गया।

फिर इसके बाद तो जब भी राजेश मम्मी के साथ मार्केट जाता तो उन्हे आइस्क्रीम पार्लर ले जाता और कभी कभी वो मम्मी को खुश करने के लिए आईसक्रीम घर पर ले आता। दोस्तों ऐसा चलते हुए दो महीने हो गये थे और राजेश ने मम्मी का पूरा विश्वास हासिल कर लिया और मम्मी का मोबाईल नंबर भी ले लिया। अब मम्मी को कभी भी कहीं भी जाना होता और पापा घर पर नहीं होते या में भी व्यस्त होता तो मम्मी राजेश को फोन करती और राजेश खुशी खुशी मम्मी के सामने हाज़िर हो जाता। तो मम्मी उसके आने से बहुत खुश होती और उससे फोन पर भी बात करती.. राजेश मम्मी को मैसेज करता.. मैसेज में चुटकले हुआ करते या कोई कविता होती और मम्मी उसके मैसेज का जवाब भी दिया करती और राजेश हमें यह सब बताता रहता था। फिर एक दिन मम्मी को कपड़े लेने जाना था तो मम्मी ने मुझसे चलने को कहा.. लेकिन मैंने सर दर्द होने का बहाना लगा दिया और मम्मी को कहा कि वो राजेश के साथ चली जाए। तो मम्मी ने राजेश को कॉल किया तो वो फोरन राज़ी हो गया और मम्मी उसके साथ मार्केट चली गयी और करीब तीन घंटे के बाद मम्मी अकेली ऑटो से घर आई।

तो मैंने मम्मी से पूछा कि वो तो राजेश के साथ गयी थी फिर ऑटो से कैसे आई? तो मम्मी ने कहा कि राजेश के घर से फोन आया था तो उसे घर जाना पड़ा और वो ऑटो से आ गयी। फिर वो अपने रूम में कपड़े चेंज करने चली गयी और उसी शाम को हम तीनों प्रतीक के घर मिले.. तो मैंने वहाँ पर राजेश से पूछा कि घर पर ऐसा क्या काम आ गया था जो मम्मी को मार्केट में छोड़कर घर जाना पड़ा? तब राजेश ने बोला कि घर से कोई फोन नहीं आया था और फिर वो पूरी बात बताने लगा कि क्या हुआ और उसने बताना चालू किया कि मम्मी ने मार्केट से साड़ियाँ खरीदी और राजेश ने भी मम्मी का साड़ी पसंद करने में पूरा पूरा साथ दिया और मम्मी ने उसकी पसंद की हुई एक साड़ी भी खरीदी। फिर हमेशा की तरह राजेश मम्मी को एक रेस्टोरेंट ले गया और वहाँ से उसने कचोरी पेक करवाई और फिर उसने मम्मी को कहा कि पास में पार्क है हम वहाँ पर चलकर ही खाते है और फिर मम्मी ने भी हाँ बोल दिया। फिर दोनों पार्क पहुंचे और कचोरियां खाई और वहीं पर बैठकर बातें करने लगे। तो राजेश ने अचानक मम्मी का हाथ पकड़ा और मम्मी को कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तो मम्मी यह सुनकर हैरान हो गयी और मम्मी को समझ में नहीं आया और कुछ देर के लिए वो बस वैसे ही रही और फिर राजेश ने मम्मी का हाथ चूम लिया। तो मम्मी ने अपना हाथ खींचा और राजेश को एक जोरदार थप्पड़ लगाया और कहा कि वो क्या बोल रहा है? तो राजेश ने कहा कि हाँ वो उनसे बहुत प्यार करता है और आपके बिना नहीं रह सकता.. ऐसा बोलने लगा। तो मम्मी ने उसे एक और थप्पड़ लगाया और बोली कि वो उसकी माँ की तरह है और उनसे ऐसी बात करने की हिम्मत कैसे हुई? और वो अपना समान उठाकर चली गयी और ऑटो पकड़कर घर रवाना हो गयी। तो राजेश से यह सब सुनने के बाद में और प्रतीक ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और बहुत देर तक हँसे और राजेश ने मुझसे पूछा कि क्या मेरी मम्मी ने घर पर कुछ भी नहीं कहा और उसके लिए झूट बोला? तो मैंने कहा कि हाँ.. फिर मैंने पूछा कि अब क्या करेंगे अपना प्लान तो फैल हो गया? तो प्रतीक ने कहा कि अगर आंटी ने राजेश के घर वालों को यह बात कह दी तो क्या होगा? तो हम सभी डर गये और हमने निर्णय लिया कि राजेश मम्मी को सॉरी बोल देगा और राजेश भी मान गया.. लेकिन राजेश की मम्मी के सामने जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी तो उसने उसी रात में मम्मी को फोन किया.. लेकिन मम्मी ने फोन नहीं उठाया और फोन कट कर दिया और राजेश बार बार फोन करता और मम्मी फोन कट कर देती। फिर राजेश ने मम्मी को सॉरी लिखकर मैसेज किए उसने उन्हे बहुत सारे मैसेज किए।

तो करीब 100 मैसेज के बाद मम्मी का जवाब आया कि राजेश कल उन्हे (मम्मी) से मार्केट में मिले और राजेश ने भी हाँ लिखकर जवाब में मैसेज भेज दिया। फिर अगले दिन दोपहर में मम्मी मार्केट के लिए घर से निकली और राजेश को जिस जगह मिलने को कहा था वहाँ पर मिली और राजेश पहले से ही वहीं पर मम्मी का इंतजार कर रहा था। तो मम्मी के पास पहुंचते ही राजेश मम्मी को सॉरी बोलने लगा और फिर मम्मी ने कहा कि अगर वो राजेश की हरकत को राजेश के घरवालों को बता दे तो क्या होगा? तो राजेश ने यह बात सुनी और उसकी आँखो में आंसू आ गए और वो मम्मी के पैरों में गिर गया और मम्मी से सॉरी बोलने लगा। तो मम्मी ने उसे उठने को कहा और कहा कि अगर वो भविष्य में ऐसा दोबारा कुछ ना करे तो वो उसे माफ़ कर देगी और किसी को कुछ नहीं बताएगी। तो राजेश ने मम्मी से वादा किया कि वो ऐसा कुछ नहीं करेगा और अब इसके बाद अगले दिन हम दोनों राजेश और में मिले तो राजेश ने हमे पूरी बात बताई। तो मैंने कहा कि चलो अब मुसीबत टली और अब हम आगे कुछ नहीं करेगे और राजेश भी मेरी बात से सहमत था।

फिर बाद में प्रतीक राजेश से अकेले में मिला और राजेश की पूरी बात सुनने के बाद बोला कि राजेश तू ऐसे हार मत मान.. तू आंटी को चोदेगा और ज़रूर चोदेगा और उन्होंने तुझसे माफी मंगवाई है ना.. तो तू ऐसे चोदना कि वो तेरे पैरों में गिरे और बोले कि मुझे छोड़ो। फिर प्रतीक ने राजेश को बहुत भड़का दिया और राजेश को फिर से तैयार कर लिया और राजेश ने मुझसे मिलकर मुझे बताया कि वो एक बार और मम्मी को चोदने की कोशिश करना चाहता है। तो मैंने कहा कि ठीक है कर ले ट्राई और राजेश ने कहा कि अब प्रतीक के पास एक प्लान है और हम उसी पर चलेगें। प्रतीक ने राजेश को फिर से मेरी मम्मी के पास जाने और उनका विश्वास हासिल करने को कहा.. राजेश ने ऐसा ही किया और करीब दो महीने की कोशिश के बाद राजेश ने मम्मी का खोया हुआ विश्वास फिर से वापस हासिल कर लिया और इसके बाद हमने यानी मैंने और राजेश ने प्रतीक से पूछा कि उसका आगे का प्लान क्या है? तो प्रतीक ने कहा कि 15 दिन बाद होली है और उसके घरवालों ने होली की एक छोटी सी पार्टी रखी है जो कि पास के ही एक मेरिज हॉल में रखी गयी है.. वहाँ पर ही मेरी मम्मी को राजेश चोदेगा। तो हमने पूछा कि इतने सारे लोगो के बीच में यह सब कैसे होगा? और मम्मी वहाँ चिल्लाई तो सब आ जाएगें। तो प्रतीक बोला कि पार्टी में भांग का भी उपयोग होगा और हम आंटी, अंकल (यानी मेरे मम्मी, पापा ) को भांग पिला देंगे.. उससे काम आसान हो जाएगा। तो ऐसे ही 15 दिन निकल गये और होली का दिन आ गया.. में और मम्मी, पापा प्रतीक की बताई हुई जगह पर पहुंचे। वहाँ पर सब लोग होली खेल रहे थे और वहाँ पर कुछ तो भांग पीकर मस्त हो रहे थे। वहाँ पर प्रतीक के घरवाले और राजेश के मम्मी, पापा भी मौजूद थे। फिर हम तीनों के माता, पिता एक दूसरे से मिले और होली खेलने लगे और करीब 30 मिनट के बाद में मम्मी, पापा के लिए ठंडाई लेकर गया.. तो मम्मी ने पूछा कि क्या यह नॉर्मल है? इसमें भांग तो नहीं है ना? तो मैंने कहा कि नहीं.. यहाँ पर बिना भांग वाली ठंडाई भी है और में आपके लिए वही लाया हूँ। तो मम्मी, पापा दोनों ने पूरा पूरा ग्लास पी लिया और फिर से होली खेलने लगे और फिर बहुत देर बाद भांग का असर दिखना शुरू हुआ.. प्रतीक ने और मैंने मम्मी, पापा को एक-एक ग्लास और भांग वाली ठंडाई पिला दी और दोनों ने भांग पहली बार ली थी.. इसलिए उसका बहुत असर हुआ और पापा को नशा चड़ गया था। इसलिए वो सही तरह से खड़े नहीं हो पा रहे थे। तो मैंने और राजेश ने पापा को वहाँ पर बने एक रूम में ले जाकर लेटा दिया और पापा वहाँ पर जाकर सो गये। फिर दूसरी तरफ मम्मी की हालत भी अच्छी नहीं थी। उनको भी नशा बहुत चड़ गया था।

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